वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंदिरों से साईं प्रतिमा हटाने का मामला सामने आया है। बड़ा गणेश मंदिर और पुरुषोत्तम मंदिर से साईं की प्रतिमा हटाई गई है। इस मामले को हिंदूवादी संगठन ने जोर-जोर से उठाया था। भगवान के मंदिर में साईं की प्रतिमा न लगाए जाने की बात कही गई। इसके बाद मंदिर प्रबंधन की सहमति ली गई। इसके बाद प्रतिमाओं को हटाए जाने के निर्णय लिया गया। सनातन रक्षक दल की ओर से इन प्रतिमाओं को हटाए जाने का अभियान चलाया गया है। सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि मंदिर प्रबंधन की मंजूरी के बाद प्रतिमाओं को हटाया गया है।
अजय शर्मा ने कहा कि मैं साईं का विरोधी नहीं हूं। मैं साईं की मूर्ति का विसर्जन कर रहा हूं। उन्होंने सवाल किया कि गणेश मंदिर में साईं का क्या काम है? अगर साईं की पूजा ही करनी है तो अलग मंदिर बनाकर उनकी पूजा कराई जाए। इससे हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। सोमवार शहर से सबसे प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर से साईं की प्रतिमा हटाई गई। इसके अलावा पुरुषोत्तम मंदिर समेत कई मंदिरों में सफेद कपड़े में लपेट दिया गया। इस अभियान का आगाज शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किया था लेकिन अब इसे अभियान बनाया गया है।
सनातन रक्षक दल की ओर से हिंदू मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटाने के लिए अभियान तेज किया गया है। दल के सदस्य सोमवार को बड़ी संख्या में लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर पहुंचे। इस ऐतिहासिक मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्तों की भीड़ जुटती है। इस मंदिर परिसर में पांच फीट की साईं प्रतिमा भी स्थापित की गई थी। सनातन रक्षक दल के सदस्यों ने मंदिर में स्थापित साईं की प्रतिमा को कपड़े में लपेटकर मंदिर परिसर से बाहर रखवा दिया।
बड़ा गणेश मंदिर के महंत रम्मू गुरु ने कहा कि जानकारी के अभाव में साईं की पूजा हो रही थी। शास्त्रों के अनुसार, इनकी पूजा वर्जित है। जानकारी होने के बाद स्वेच्छा से प्रतिमा हटवा दी गई। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है। इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।
काशी में शिव की ही पूजा
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि काशी में केवल देवाधिदेव उमापति महादेव ही पूज्य हैं। शहर के मंदिरों में अज्ञानता के कारण साईं की प्रतिमा स्थापित की गई। इससे सनातन भक्तों में नाराजगी है। अजय शर्मा ने मंदिरों के महंतों और सेवयतों से अनुरोध किया कि साईं की मूर्ति को सम्मान के साथ मंदिर परिसर से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि भक्तों की भावनाओं को देखते हुए ही शहर के मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटवाने का अभियान चल रहा है।
बड़ा गणेश मंदिर से पहले पुरुषोत्तम मंदिर सहित शहर के 10 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाई जा चुकी है। सनातन रक्षक दल का कहना है कि अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से भी जल्द ही साईं की प्रतिमा हटवाई जाएगी। प्रदर्शन को देखते हुए कई मंदिरों में साईं की प्रतिमाओं को सफेद कपड़े से लपेट दिया गया है।